🐘 हाथी और उसके दोस्त – जानवरों की नैतिक हिंदी कहानी
हाथी ने बंदर से पूछा, “क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?” बंदर ने कहा, “तुम बहुत बड़े हो, तुम मेरे साथ पेड़ों पर झूल नहीं सकते, इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते।” हाथी दुखी हो गया और आगे बढ़ गया।
फिर वह एक खरगोश से मिला और वही सवाल पूछा। खरगोश ने कहा, “तुम बहुत भारी हो, मेरे बिल में नहीं आ सकते, इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते।” हाथी फिर निराश होकर आगे बढ़ गया।
इसके बाद हाथी मेंढक से मिला और दोस्ती का प्रस्ताव रखा। लेकिन मेंढक ने भी इनकार कर दिया। हाथी बहुत उदास हो गया क्योंकि कोई भी उसे दोस्त नहीं मान रहा था।
एक दिन जंगल में शिकारियों का हमला हो गया। सभी जानवर डरकर भागने लगे, लेकिन शिकारियों ने कुछ जानवरों को पकड़ लिया। हाथी ने यह देखा और वह दौड़कर शिकारियों की ओर गया।
उसने अपनी लंबी सूंड और ताकत का उपयोग कर शिकारियों को डराकर भगा दिया और सभी जानवरों को छुड़ा लिया। सभी जानवर बहुत खुश हुए और बोले, “हाथी, तुम हमारे सच्चे दोस्त हो। तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है।”
हाथी मुस्कुराया, क्योंकि अब उसे असली दोस्त मिल गए थे जो उसकी अच्छाई को समझते थे।
🌟 सीख (Moral of the Story):
इस कहानी से हमें सिख मिलती है कि: "सच्ची दोस्ती आकार या रूप से नहीं, बल्कि अच्छे दिल और मदद करने की भावना से बनती है।"


