हाथी और चतुर चूहा – जानवरों की नैतिक कहानी | Elephant and Mouse Moral Story in Hindi

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हाथी और चतुर चूहा – जानवरों की नैतिक कहानी

बच्चों की नैतिक कहानी हाथी और चतुर चूहा का चित्र – एक जंगल में हाथी और मुस्कुराता हुआ चूहा दोस्ती करते हुए।

 कहानी की शुरुआत

बहुत समय पहले की बात है, एक हरा-भरा जंगल था, जहाँ एक विशाल हाथियों का झुंड रहता था। उसी जंगल में चूहों का एक छोटा-सा समूह भी अपने बिलों में शांतिपूर्वक जीवन बिता रहा था।

एक दिन हाथियों का झुंड पानी की तलाश में उस जगह से गुज़रा जहाँ चूहों के बिल थे। भारी कदमों से चलते हुए हाथियों ने कई चूहों को कुचल दिया।

चूहों की याचना

चूहों के राजा ने बहादुरी दिखाई और हाथियों के राजा के पास गया। उसने विनम्रता से कहा – “महाराज! कृपया हमारे घरों से होकर न जाएं, इससे हमारे कई साथी मारे जाते हैं। अगर आप हमारी रक्षा करेंगे तो हम भी किसी दिन आपकी मदद करेंगे।”

हाथियों का राजा चूहों की विनती से प्रभावित हुआ और उसने उन्हें नुकसान न पहुँचाने का वादा किया।

हाथियों पर संकट

कुछ समय बाद शिकारी जंगल में आए और उन्होंने कई हाथियों को जाल में फँसा लिया। वे हाथी जोर-जोर से चिंघाड़ने लगे। चूहों को यह खबर मिली तो वे तुरंत मदद के लिए पहुंचे।

चूहों ने अपने तीखे दांतों से जाल काटना शुरू किया और थोड़ी ही देर में सभी हाथियों को आज़ाद कर दिया।

मित्रता की ताकत

हाथी बहुत खुश हुए और चूहों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सीखा कि छोटा-बड़ा कोई फर्क नहीं पड़ता – सच्चा मित्र वही है जो कठिन समय में काम आए।

🔸 कहानी से क्या सीख मिलती है?

1. मदद करने वाला कभी छोटा नहीं होता

चूहों की मदद से विशाल हाथी भी बच गए – इससे सीख मिलती है कि कोई भी छोटा नहीं होता।

2. करुणा और दया

अगर हाथियों ने पहले चूहों पर दया न की होती, तो शायद वे भी आज संकट में फँसे रहते।

3. मित्रता का मूल्य

सच्चा मित्र वही है जो मुसीबत में साथ दे।

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